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उल्टे हनुमान मंदिर, सांवेर, उज्जैन, मध्य प्रदेश का प्राचीन हनुमान मंदिर

उल्टे हनुमान मंदिर, सांवेर, उज्जैन, मध्य प्रदेश का प्राचीन हनुमान मंदिर

 

October 31, 2017 By admin


हमारे देश में ऐसे बहुत से मंदिर स्थापित हैं, जिन सबकी मान्यताएं अलग-अलग है। कई मंदिर ऐसे हैं जो अपने आप में ही प्राचीन है। लेकिन ऐसे बहुत से मंदिर भी हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। अक्सर आप लोगों ने बहुत से हनुमान मंदिरों के बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन आज हम आपको एक अनोखे हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते होगें। आप सबने हर मंदिर में भगवान की खड़ी या बैठी प्रतिमा को देखा होगा, लेकिन आज आपको हनुमान जी की सिर के बल खड़ी उनकी प्रतिमा के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में शायद ही आप लोगों ने इससे पहले सुना या देखा होगा।

उलटे हनुमान जी का मंदिर इंदौर के सांवरे नामक स्थान पर स्थापित है। मान्यता है कि ये मंदिर रामायण काल से यहां स्थित है और यहां भगवान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। कहते है कि इसके दर्शन करने से व्यक्ति की सारी चिताएं दूर हो जाती हैं। मंदिर की यही विशेषता ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। लोग यहां भगवान की कृपा और आशीर्वाद के लिए दूर-दूर से चलकर आते हैं।

उल्टे हनुमान मंदिर, सांवेर लोकप्रिय कथा

जब रामायण काल में भगवान श्री राम व रावण का युद्ध हो रहा था, तब अहिरावण ने एक चाल चली। वह रूप बदलकर राम की सेना में शामिल हो गया। जब रात्रि के समय सभी लोग सो रहे थे तब अहिरावण ने अपनी जादुई शक्ति से श्री राम एवं लक्ष्मण जी को मूर्छित कर उनका अपहरण कर लिया और उन्हें अपने साथ पाताल लोक में ले गया और जब वानर सेना को इस बात का पता चला तो चारों ओर हड़कंप मच गया। हनुमान जी भगवान राम व लक्ष्मण जी की खोज में पाताल लोक पहुंचे और वहां पर अहिरावण का वध करके वह प्रभु श्रीराम और लक्ष्‍मण को सुरक्षित वापस ले आए थे। मान्यता है कि यही वह स्थान था जहां से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे। उस समय हनुमान जी के पांव आकाश की ओर तथा सिर धरती की ओर था जिस कारण उनके उलटे रूप की पूजा आरंभ हो गई।

मंदिर की मान्यता

उलटे हनुमान मंदिर में एक मुख्य मान्यता यह है कि यदि कोई व्यक्ति तीन या पांच मंगलवार लगातार भगवान के दर्शनों के लिए आता है तो उसकी सारी मनोकामनाएं भगवान पूरी कर देते हैं। माना जाता है कि हनुमान जी को चोला चढ़ाने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा को अत्यंत चमत्कारी माना जाता है और इसके साथ ही उलटे हनुमान मंदिर में वर्षों पुराने दो पारिजात के वृक्ष हैं भी हैं। यहां श्रीराम, सीता, लक्ष्मणजी, शिव-पार्वती जी की प्रतिमाएं भी स्थापित है।

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