मानसी गंगा एक असमान आकार का कुण्ड है। कुसुम सरोवर से प्राय: ढेड़ मील दक्षिण-पश्चिम की तरफ ये मानसी गंगा तीर्थ अवस्थित है। भगवान श्रीकृष्ण के मानस-संकल्प से यह सरोवर प्रकट हुआ है इसलिये इसका नाम हुआ मानसी गंगा। कहा जाता है कि एक बार श्री नन्द महाराज जी व माता यशोदा देवी जी ने गंगा स्नान करने के लिए यात्रा प्रारम्भ की और रात को गोवर्धन के सान्निध्य में वास किया। यात्रा को जाते … [Read more...] about मानसी गंगा, गोवर्धन, मथुरा Mansi Ganga Kund, Govardhan, Mathura
Ancient Hindu Religious Places in India
चारधाम यात्रा का रोडमैप
हिमालय स्थित 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदार और बैकुण्ठ धाम बद्रीनाथ सहित गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। अक्षय तृतीया के मौके पर शुरू हुई चार धाम यात्रा इस बार पूरे देश में जिज्ञासा की वजह बनी हुई है। दरअसल 2013 में केदारनाथ में आए जलप्रलय के बाद इस यात्रा पर ब्रेक लग गया था। अब राज्य सरकार इस तबाह क्षेत्र में यात्रा को फिर से चलने लायक बना पई … [Read more...] about चारधाम यात्रा का रोडमैप
ब्रह्मकपाल, बद्रीनाथ, उत्तराखंड
भारत में एक ऐसा तीर्थ है जहां पर पिंडदान करने का फल गया से आठ गुणा आधिक प्राप्त होता है। कहा जाता है कि यहां पर भोलेनाथ को ब्रह्महत्या से मुक्ति मिली थी। यह स्थान उत्तराखंड के बदरीनाथ के पास स्थित है। जिसे ब्रह्मकपाल के नाम से जाना जाता है। इसके विषय में मान्यता है कि यहां पर पितरों का पिंडदान करने से उन्हें नर्क से मुक्ति मिलती है। स्कंद पुराण में भी ब्रह्मकपाल को गया से आठ … [Read more...] about ब्रह्मकपाल, बद्रीनाथ, उत्तराखंड
पितरों का पिंडदान करें गया (बिहार) में
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से इसी महीने की अमावस्या तक के 15 दिनों को पितृपक्ष कहा जाता है। पितरों के लिए श्राद्ध करना एक महान कार्य है। माना जाता है कि मनुष्य पर देव ऋण, गुरु ऋण अौर पितृ ऋण होता है। माता-पिता की सेवा करके मरणोपरांत पितृपक्ष में पूर्ण श्रद्धा से श्राद करने पर इस ऋण से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि पिंडदान करने से मरने वाले व्यक्ति को मोक्ष की … [Read more...] about पितरों का पिंडदान करें गया (बिहार) में
महाबलिपुरम, तमिलनाडु
तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई से करीब 60 कि.मी. दक्षिण की ओर सागर तट पर स्थित है - महाबलिपुरम। यह स्थान अपने पुरातन मंदिरों तथा स्थापत्य कला के वैभव के लिए भारत ही नहीं, संपूर्ण जगत में मशहूर है। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि पत्थरों को तराश कर कलात्मक मंदिरों तथा गुफाओं के निर्माण का काम पल्लव राजवंश के राजाओं के समय हुआ था। पल्लव वंश का राजकाल सन् 600 से 750 ई. के मध्य माना जाता … [Read more...] about महाबलिपुरम, तमिलनाडु
नासिक, महाराष्ट्र
मान्यताओं के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के दौरान नासिक के पास स्थित तपोवन नामक स्थान पर ठहरे थे। यहीं लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी और इसलिए इस जगह का नाम नासिक पड़ा, जोकि एक नाक का ही अनुवाद रूप है। 150 ईसा पूर्व के प्रसिद्ध दार्शनिक प्लोतेमी ने भी नासिक का उल्लेख किया है। नासिक वर्तमान में महाराष्ट्र के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से है। … [Read more...] about नासिक, महाराष्ट्र