अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || -2 कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं | अच्युतम केशवं … [Read more...] about अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं: मधुरा भट्टाचार्य
Bollywood Bhajans on Lord Krishna
तुझे हम ढूंढ रहे है कहाँ हो मुरली वाले: पूजा भूषण माता जी
तुझे हम ढूंढ रहे है कहाँ हो मुरली वाले, तर्ज – थोड़ा सा प्यार हुआ है, तुझे हम ढूंढ रहे हैं, कहाँ हो मुरली वाले, या तो अब सामने आ, या हमे भी छुपाले, तुझे हम ढूंढ रहे है, कहाँ हो मुरली वाले।। तुझे हम ढूंढ रहे है कहाँ हो मुरली वाले: पूजा भूषण माता जी दर्द से अपना रिश्ता, पुराना हो गया है, तेरी चाहत ये दिल, दीवाना हो गया है, सुन जरा धड़कनो को, हम है तेरे … [Read more...] about तुझे हम ढूंढ रहे है कहाँ हो मुरली वाले: पूजा भूषण माता जी
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे: हेमन्त कुमार
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे। मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी रे॥ मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी। युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे॥ द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले। अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे॥ पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ। आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे॥ निबर्ल के बल धन … [Read more...] about दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे: हेमन्त कुमार
सूरदास भजन – मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो: अनूप जलोटा
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो। भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो। चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो॥ मैं बालक बहिंयन को छोटो, छींको किहि बिधि पायो। ग्वाल बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो॥ तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहे पतिआयो। जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो॥ यह लै अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो। 'सूरदास' तब बिहँसि जसोदा, लै उर … [Read more...] about सूरदास भजन – मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो: अनूप जलोटा
सूरदास भजन – रे मन कृष्णा नाम कही लीजै: रविन्द्र जैन
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे, रे मन कृष्णा नाम कही लीजे। गुरु के वचन अटल करि मानहि, साधू समागम कीजे, रे मन कृष्णा नाम कही लीजे। पढ़िए गुनिये भगति भागवद, और कहाँ कथि कीजे कृष्ण नाम बिनु जनम बाद ही, बिरथा काहे जीजे, कृष्णा नाम रस भयो जात है, त्रिषावन्त है पीजे, सूरदास हरी शरण ताकिये, जनम सफल करि लीजे, रे मन कृष्णा नाम कही लीजे। ~ रविन्द्र जैन Krishna … [Read more...] about सूरदास भजन – रे मन कृष्णा नाम कही लीजै: रविन्द्र जैन
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार: राजू मेहरा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार, यहाँ पे भी जो हारा, कहाँ जाऊंगा सरकार।। सुख में कभी ना तेरी याद है आई, दुःख में सांवरिया तुमसे प्रीत लगाई, सारा दोष है मेरा में करता हूँ स्वीकार, यहाँ पे भी जो हारा, कहाँ जाऊंगा सरकार।। मेरा तो क्या है में तो पहले से हारा, तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा, डूब गई क्यों नैया तेरे रहते खेवनहार, यहाँ पे भी जो हारा, कहाँ जाऊंगा … [Read more...] about दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार: राजू मेहरा
श्याम हमारे दिल से पूछो कितना तुमको याद किया: मनीष तिवारी
श्याम हमारे दिल से पूछो कितना तुमको याद किया, याद में तेरी मुरली वाले जीवन यूँ ही गुजार दिया । देखी तेरी भोली सूरत, हम भी तो धोखा खा ही गए । तेरी मोहन मीठी मीठी बातों में हम आ ही गए । हार गए जीवन में सब कुछ फिर भी तेरा नाम लिया ॥ श्याम हमारे दिल में... करता हूँ मैं विनती मोहन याद हमेशा तुम आओ । हो जो सके तो तुम ही मोहन मेरे दिल में बस जाओ । भूल हुई तुझे समझ ना … [Read more...] about श्याम हमारे दिल से पूछो कितना तुमको याद किया: मनीष तिवारी
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला: अंजलि जैन
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला, मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला। राधा ने श्याम कहा, मीरा ने नटवर। गवालों ने पुकारा तुम्हे कह कर गावाला॥ कोई कहे गोविंदा... गोविन्द बोलो हरो गोपला बोलो। राधा रमण हरी गोविन्द बोलो॥ यशोदी जी कहती थी तुमको कन्हैया। दाऊ जी कहते थे तुमको नंदलाला॥ कोई कहे गोविंदा... घड़ियाल कह हर बुलाता दर्योधन। जल जलके तहत था तुमको है कला॥ कोई कहे … [Read more...] about कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला: अंजलि जैन
गोबिंद चले आओ गोपाल चले आओ: राधा रमण गोस्वामी
गोविन्द चले आओ, गोपाल चले आओ मेरे मुरलीधर माधव नानाद्लाल चले आओ आँखों में बसे हो तुम, धड़कन में धड़कते हो कुछ ऐसा करो मोहन स्वासों में समां जाओ गोविन्द चले आओ... इक शरत ज़माने से प्रभु हमने लगा ली है जा हमको बुला लो तुम जा खुद हु चले आओ गोविन्द चले आओ... तेरे दर्शन को मोहन मेरे नयन तरसते हैं है अरज मेरी मोहन अब और ना तरसाओ गोविन्द चले आओ... ~ राधा रमण … [Read more...] about गोबिंद चले आओ गोपाल चले आओ: राधा रमण गोस्वामी
कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने: वंदना भारद्वाज
कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने जब द्रोपदी दुष्टों ने घेरी, कैसा चीर बढाया रे, श्याम तेरी उंगली ने जहर का प्याला राणा जी ने भेजा कैसा अमृत बनाया रे, श्याम तेरी उंगली ने जब प्रहलाद पहाड़ से गिरा कैसा कमल खिलाया रे, श्याम तेरी उंगली ने जब नरसी ने तुमको टेरा, कैसा भात बढाया रे, श्याम तेरी उंगली ने जब अर्जुन ने जयद्रथ को मारा कैसा सूरज छिपाया रे, … [Read more...] about कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने: वंदना भारद्वाज