मोको कहाँ ढूंढें बन्दे, मैं तो तेरे पास में। ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में। ना मंदिर में, ना मस्जिद में, ना काबे कैलाश में॥ ना मैं जप में, ना मैं तप में, ना मैं व्रत उपास में। ना मैं क्रिया क्रम में रहता, ना ही योग संन्यास में॥ नहीं प्राण में नहीं पिंड में, ना ब्रह्माण्ड आकाश में। ना मैं त्रिकुटी भवर में, सब स्वांसो के स्वास में॥ खोजी होए तुरत मिल … [Read more...] about मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे – मै तो तेरे पास में: सुजात खान