मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो। भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो। चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो॥ मैं बालक बहिंयन को छोटो, छींको किहि बिधि पायो। ग्वाल बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो॥ तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहे पतिआयो। जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो॥ यह लै अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो। 'सूरदास' तब बिहँसि जसोदा, लै उर … [Read more...] about सूरदास भजन – मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो: अनूप जलोटा
Surdas Bhajan Collection
सूरदास भजन – रे मन कृष्णा नाम कही लीजै: रविन्द्र जैन
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे, रे मन कृष्णा नाम कही लीजे। गुरु के वचन अटल करि मानहि, साधू समागम कीजे, रे मन कृष्णा नाम कही लीजे। पढ़िए गुनिये भगति भागवद, और कहाँ कथि कीजे कृष्ण नाम बिनु जनम बाद ही, बिरथा काहे जीजे, कृष्णा नाम रस भयो जात है, त्रिषावन्त है पीजे, सूरदास हरी शरण ताकिये, जनम सफल करि लीजे, रे मन कृष्णा नाम कही लीजे। ~ रविन्द्र जैन Krishna … [Read more...] about सूरदास भजन – रे मन कृष्णा नाम कही लीजै: रविन्द्र जैन
अंखियाँ हरि दरसन की प्यासी: जगजीत सिंह
अंखियाँ हरि दरसन की प्यासी। देख्यौ चाहति कमलनैन कौ, निसि-दिन रहति उदासी।। आए ऊधै फिरि गए आँगन, डारि गए गर फांसी। केसरि तिलक मोतिन की माला, वृन्दावन के बासी।। काहू के मन को कोउ न जानत, लोगन के मन हांसी। सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कौ, करवत लैहौं कासी।। ~ जगजीत सिंह (Singer) / सूरदास (Writer) … [Read more...] about अंखियाँ हरि दरसन की प्यासी: जगजीत सिंह